Monday, April 20, 2015

राहुल गांधी जी मत भूलिए... नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं, आप मेरी तरह भारतीय नागरिक

टीवी पर कांग्रेस पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी और पता नहीं कहूं या न कहूं, कम से कम कांग्रेसियों की नजर में एक कद्दावर नेता का भाषण सुना और देखा... मन में भीतर से क्रोध उबल आया... ऐसा लगा जैसे तमाम कांग्रेसी सांसद राहुल गांधी की तरह अपना उपहास उड़ाने में लगे थे।

एक गंभीर मुद्दे, किसानों के नुकसान पर संसद में बड़े जुगाड़ और कांग्रेस की बाकायदा राहुल गांधी के बयान होने देने की धमकी के बाद राहुल गांधी ने संसद में बयान दिया। तमाम मीडिया राहुल गांधी की जैसे तारीफ के मौके तलाश रहा था...

राहुल गांधी जब बयान दे रहे थे लगा ही नहीं कि वह किसान, फसल नुकसान और उनके मुद्दे पर चर्चा के दौरान जिस प्रकार कांग्रेसी सांसदों के चेहरे पर मुस्कान, उत्साह दिख रहा था उससे पता नहीं कौन खुश हुआ... मुझे तो न ही मुद्दा हंसी का था  और न ही मौका... फिर यह उत्साह, नारेबाजी और हंसी मुस्कान किसलिए... मैं समझ नहीं पाया... हां... ऐसा जरूर लगा कि मालिक को खुश करने के लिए तमाम नौकर जबरन चेहरे पर मुस्कान लिए, वाह!, वाह! करते हैं...

लगा था कि दो महीनों की अज्ञात छुट्टी के बाद कांग्रेस पार्टी के इस युवराज राहुल गांधी का बयान  होना तो किसानों पर चाहिए था, लेकिन एक सड़क छाप नेता के बयान के अलावा कुछ और नहीं लगा... राहुल का भाषण सिर्फ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, हां यह प्रधानमंत्री तो देश का है लेकिन राहुल गांधी देश के नहीं... पर गैर-जरूरी प्रहार के अलावा कुछ और नहीं लगा... राहुल गांधी ने अपने 20 से ज्यादा के भाषण में कुछ मिनट ही किसान और उनके बारे में कुछ तथ्यात्मक बात की... बाकी समय लफ्फाजी में निकाल दिया...

देश की सुरक्षा के मुद्दे पर राहुल का बयान अत्यंत शर्मनाक और निंदनीय लगा... इसकी जितनी भर्त्सना की जाए कम है...  देश की सुरक्षा को इतने हल्के में लेने की गलती करने की गलती देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने भी की थी और खामियाजा देश आज तक भुगतता आ रहा है।

राहुल गांधी के हाव भाव से कहीं से नहीं लगा कि वह देश के नेता हैं... जन नेता है... आज भी उनको देखकर लगता है कि एक राजकुमार बोल रहा है... और तमाम चापलूस उन्हें खुश करने में लगे हैं। राहुल गांधी आज भी ऐसी काबिलियत वाले नेता नहीं लगे जो अपने दम पर भारतीय सदन में अपनी बात रखने की क्षमता रखता हो... दुखद...

एक और अहम बात जो मुझे खटकी वह रही राहुल गांधी का बीजेपी सांसदों को यह आपके प्रधानमंत्री... इस बयान पर तो बीजेपी सांसदों को उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन नोटिस लाना चाहिए... राहुल गांधी अभी तक अपने राजसी भोग और वातावरण से बाहर नहीं निकल पाए हैं... उन्हें बीजेपी सांसदों ने टोका भी कि वह देश के प्रधानमंत्री, हमारे भी और आपके भी... इसके बावजूद राहुल गांधी का घमंड उनके सिर चढ़ के बोल रहा था... वह तब भी नहीं बोले की हमारे प्रधानमंत्री, वह देश के प्रधानमंत्री तो बोले, लेकिन यह नहीं बोले कि मोदी मेरे देश के प्रधानमंत्री हैं... उनका बयान बार बार बीजेपी सांसदों को यह बता रहा था कि वह आपके (बीजेपी) प्रधानमंत्री है। राहुल गांधी को अब यह जान लेना चाहिए कि ये देश नेहरू गांधी परिवार का गुलाम नहीं है.... और न रहेगा... वह भी मेरी तरह भारतीय नागरिक हैं...

कुछ कांग्रेसियों को यह जरूर भाया होगा कि राहुल गांधी ने यह नहीं माना कि वह देश के प्रधानमंत्री है... राहुल गांधी के बयान से तो मुझे यह भी लगा कि वह देश के नागरिक हैं भी या नहीं... जैसे राजा हमेशा से अपने को प्रजा से अलग मानता था आज राहुल गांधी भी वैसा ही कहते करते दिख रहे थे....

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