आज फिर कुछ कहने को मन करता है,
दिल जवान हुआ है, कुछ करने को मन करता है
तुम पास नहीं तो क्या, मन आज उड़ने को करता है
हर एक सांस में तुमको भर लेने मन को करता है
आज फिर कुछ कहने को मन करता है।
तुमसे मिले अरसा बीत गया है,
चाहत कुछ और ज्यादा करने को जी करता है।
आज भी बंधन वही पुराना सा लगता है
वही सुबह, वही शाम तुम्हारे साथ के पल,
खुशगवार जिंदगी का साथ सुहाना लगता है।
आज फिर कुछ कहने को मन करता है।
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