Thursday, July 23, 2015

नरेंद्र मोदी से मिली हार स्वीकारो अरविंद केजरीवाल, जनता को धोखा देना बंद करो

दिल्ली के अबके मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और तबके गुजरात के मुख्यमंत्री और बीजेपी के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के वाराणसी से चुनाव लड़ने की जैसे ही घोषणा हुई दिल्ली की आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने ऐलान किया कि वह बनारस से ही चुनाव लड़ेंगे और सीधे सीएम पद को हाल ही जल्दबाजी में त्याग कर बनारस पहुंच गए।

अरविंद केजरीवाल बनारस पहुंचे और उनकी हजारों की टीम भी पहुंची। इस टीम में देश के तमाम राज्यों और विदेशों से आए उनके वॉलनटीयर भी पहुंचे। बहुत मेहनत की सभी ने... इस बीच राजनीति की गणित भी बिठाई गई... समाजवादी पार्टी ने एक कमजोर प्रत्याशी उतारा... वो भी बड़ी देर बाद...  महीनों केजरीवाल और उनकी टीम ने पूरी ईमानदारी से मेहनत की सुबह से लेकर शाम तक जब तक वह कर सकते थे.... वहीं नरेंद्र मोदी पर बीजेपी की पूरी प्रचार कमान थी.. और वह कुछ ही रैलियां वहां कर पाए...

इतना कुछ करने के बावजूद अरविंद केजरीवाल, नरेंद्र मोदी के सामने टिक नहीं पाए... और हार गए... जनता से उन्होंने तमाम वादे किए थे... कितने झूठ बोले उसका कोई हिसाब नहीं... हारे तो तुरंत बुद्धू  लौट के घर और दिल्ली की राजनीति चमकाने में लग गए... दिल्ली में छोड़ी सरकार बनाने का प्रयास फिर किया... यहां तक आरोप लगे कि शाम दाम दंड भेद सब प्रयोग किया कि दिल्ली में दोबारा सीएम की कुर्सी मिल जाए... यह वही कुर्सी है जिसे लात मारने का दावा वो भी मंचों से करते हैं और उनके तमाम सहयोगी भी... लोकतंत्र में सीएम की कुर्सी की इससे बड़ी बेइज्जती नहीं हो सकती है... एक संवैधानिक पद का इतना अपमान नहीं हो सकता... खैर मुंह फूटे लोकतंत्र की दुहाई देने वाले केजरीवाल  साहब में कुछ तो खूबियां हैं...

दिल्ली की जनता ने उन्हें अपार सफलता दी... चुनाव में बेताज बादशाह के रूप में आम आदमी पार्टी उभरी और केजरीवाल एक बार फिर मुख्यमंत्री बने... इस बार केजरीवाल साहब ने एक भी मंत्रालय अपने पास नहीं रखा... सारे मंत्रालय बांट दिए... क्यों... क्या काम न करना पड़े... या फिर बतौर मुख्यमंत्री सारे लाभ लेते रहे... लोगों के काम करने के बहाने दिल्ली और देश में राजनीति चमकाते रहे हैं... समय पूरा रहे... पद का लाभ पूरा रहे और जवाबदेही कुछ भी नहीं... कुछ हो तो मंत्री जिम्मेदार सिर कलम कर दें... बस....

कानूनमंत्री जितेंद्र सिंह तोमर के मामले में जनता से लेकर मीडिया और कोर्ट को झूठा बताने की पूरी कोशिश की दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने... दिल्ली पुलिस यदि गिरफ्तार न करती और तथ्य सामने न लाती तो केजरीवाल साहब जो वर्षों से लोकपाल, अंदरूणी लोकपाल... अंदरूणी जांच पाक साफ राजनीति.... के प्रवचन देते रहे... फिर झूठे साबित हुए...

अंतत: पूरे मामले में केजरीवाल साहब ने जवाब क्या दिया... बोले... मंत्री जी ने हमें भी धोखे में रखा... मंत्री जी ने केजरीवाल बाबू को धोखे में रखा और केजरीवाल बाबू ने जनता और देश को धोखा दिया... एक आईआरएस यानि देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा सिविल सर्विसेस को पास कर जनाब इस पद पर बैठे थे.... जिसे इन्होंने जनता की सेवा के लिए त्याग दिया...  मंचों से कहते रहे हैं कि इनकम टैक्स कमिश्नर रहते करोड़ों अरबों कमा लेता.... लेकिन जनता की सेवा के लिए सब त्याग दिया.... अपनी नौकरी में रहते हुए जनाब ने एक भी स्टिंग ऑपरेशन क्यों नहीं किया... जनता से लगातार अपील कर रहे हैं... फिर इतने जागरूक केजरीवाल बतौर आईआरएस चुप रहे...

चलो केजरीवाल साहब अब तो सीएम बन गए हैं... लेकिन आज तक जिस कार्यालय के बाबुओं को ये जानते हैं.. जिन भ्रष्ट तरीकों को जानते हैं उनके बार में अब कुछ नहीं बोलते.. उन पर कोई कार्रवाई नहीं करते... क्यों... शायद ये केंद्रीय कर्मचारी है... चलिए माना दिल्ली सरकार के अधीन कुछ अधिकारी तो आते हैं... उन पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई पता नहीं... सब के सब ईमानदारी के भक्त हो गए हैं...35 अधिकारियों को गिरफ्तार करने के दावे कर रहे हैं उनमें एक भी अधिकारी नहीं.... सब के सब निचले कर्मचारी या ठेके के लोग हैं...फिर भी बड़े बड़े विज्ञापनों में झूठ क्यों ये केजरीवाल सरकार और केजरीवाल ही बता सकते हैं...

जनता के पैसे पर दूसरों को ऐश करने के आरोप लगाने वाले केजरीवाल के घर का बिजली का बिल लाखों में आ रहा है... क्यों... अब ये जनता का पैसा नहीं है... क्या यह बताया नहीं जाना चाहिए था कि जब ये मुख्यमंत्री नहीं थे तो क्या जनता का काम नहीं हो रहा था... तब इनके घर का बिल कितना था.... क्या तब भी लाखों रुपये अपनी जेब से बिल का चुकाते थे साहब केजरीवाल...

अपने पर आरोप लगा तो साहब ने दूसरों संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों के घरों के बिलों को खंगालना शुरू कर दिया... फिर चला तेरी चादर में ज्यादा दाग मेरी में कम... अरे बाबू आप तो पहले कहा करते थे सरकारी पैसे का दुरुपयोग क्यों हो रहा है... देश की जनता के टैक्स के पैसे पर सरकारी ऐश क्यों... सीएम बनते जनता को धोखा... अच्छा तरीका है...

दिल्ली में अपराध की बात की जाए तो केजरीवाल बाबू हमेशा से दिल्ली सरकार को दोषी बताते रहे... शीला दीक्षित मुख्यमंत्री थीं तो वो जिम्मेदार थीं... वो कुछ नहीं कर रहीं थी एक महिला होकर... सारे लाक्षन शीला जी पर... अब केजरीवाल मुख्यमंत्री हैं... अब शीला नहीं हैं... तो पीएम नरेंद्र मोदी जिम्मेदार... दिल्ली पुलिस शीला जी के पास नहीं थी... अब भी नहीं है... तब भी गृहमंत्रालय के अधीन थी अब भी है... बदला क्या है दिल्ली में सरकार... तब शीला सीएम थीं, अब केजरीवाल सीएम हैं... क्यों.. धोखा है न...

हर बात पर धरना देने वाले केजरीवाल को लगता है अब आराम करना अच्छा लगने लगा है... एसी ने बिल बढ़ा दिया... अब पसीना और अनशन का रास्ता भूल गए हैं...  अब इफ्तार पार्टी... और दूसरे बड़े लोगों के साथ गल भईयां डाल रहे हैं, गले मिल रहे हैं.. राजनीति का गुणा भाग लगाने में लगे हैं... उस जात पात धर्म की राजनीति में लिफ्त दिख रहे हैं.. उनके विज्ञापन देखें जगह-जगह सब यही कह रहा है... साफ सुथरी राजनीति की बात करने वाले केजरीवाल साहब अब मौत पर भी राजनीति करने लगे हैं... ये धोखा ही है...

एक किसान सीएम केजरीवाल की रैली में सरेआम आत्महत्या कर लेता है... ये जनाब रैलीजारी रखते हैं... वहां पर भी एक भी पार्टी के कार्यकर्ता ने उस किसान को बचाने की कोशिश नहीं की... मंच से जनाब मौत का नजारा देखते रहे... पहले तो पार्टी के नेताओं ने बेशर्मी से अपने जघन्य अपराध को सही ठहराया और फिर अगले दिन जब केजरीवाल बाबू के दिमाग के गणित बिठाई तो उनका जमीर जागा... वह रात भर सो नहीं पाए थे.. फिर उनके साथ पार्टी के लोगों का जमीर भी हिला और माफी मांगी, गलती मानी... जनता धोखा सहती रही.. देखती रही...

अब दिल्ली में अपराध की बात कर रहे हैं... सही है देश की राजधानी जब तक सुरक्षित नहीं हो पाए गी तब बाकी देश की क्या बात....  साहब ने दिल्ली में बसों में मार्शल तैनात करने की वाहवाही लूटी... ये मार्शल बसों में चलेंगे... महिलाओं को सुरक्षा देंगे... सरकार विज्ञापनों के जरिए जनता को बता रही है... लेकिन केजरीवाल साहब की बेटी को सरकारी गाड़ी मिल गई है... सरकारी सुरक्षा मिल गई... जनता का क्या... केजरीवाल साहब बसों में मार्शल इक्का दुक्का ही दिख रहे हैं... बाकी सब तो आपके टिकट चैक करने वाले स्क्वाड के साथ ही दिख रहे हैं.... बसों में जेबकतरों से लोग परेशान थे, हैं और रहेंगे... जब तक आप सही मायनों में उचित कदम नहीं उठाते... यह भी धोखा है केजरीवाल साहब....

आज के लिए इतना ही... मौका मिला तो फिर निकालूंगा भड़ास....
दिल्ली का एक मुसाफिर

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